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			 नई पुस्तकें >> फिर सुबह होगी फिर सुबह होगीबलवंत सिंह
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प्रस्तुत हैं पुस्तक के कुछ अंश
प्रस्तुत उपन्यास ‘फिर सुबह होगी’ में पीड़ा का दबा-दबा स्वर गूँजता है जो एक पीढ़ी से शुरू होता है और इसका अंट दूसरी पीढ़ी में जाकर होता है। इस उपन्यास में कुछ पात्रों को लेकर कथानक का ताना-बाना तैयार किया गया है, जो मध्यम वर्ग से सम्बन्ध रखते हैं। सभी पत्र पाठकों के सुपरिचित व्यक्तियों में से लिये गये हैं परन्तु कहानी की रोचकता व सजीवता में कोई कमी नहीं महसूस होती। विश्वास है यह उपन्यास पाठकों को शुरू से अंत तक बांधे रखने में सक्षम सिद्ध होगा।
			
		  			
			
						
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